गिलहरी की जीत - Adventure story in hindi - Squirrel Victory hindi story - best hindi stories

गिलहरी की जीत - Adventure story in hindi

गिलहरी की जीत - adventure story in hindi - hindistories

Squirrel Victory hindi story

यह कहानी वरुण नाम के एक fighter की हैं जो कई बिझनेस अकेले हीं संभालता हैं पर उसका लक्ष्य fighter बनकर सबको हराना हैं। यहीं वरुण एक गांव में साधारण बनकर जाता हैं जहाँ fighters लडाई करके पैसे कमा रहे होते हैं। वरुण एक एक करके सभी fighters को हरा देता हैं और घमंड में चूर होकर लोगों को ललकारता हैं।

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इसी बिच वरुण का दोस्त गौतम भी मैदान में उतर जाता हैं। दोनों की लडाई को एक घंटा हो जाता हैं मगर कोई जीत नहीं पाता। आखिरी समय में दोनों गुस्से से एकदूसरे की छाती पर मुक्के मार देते हैं। दोनों की मौत हो जाती हैं जिनकी आत्माए एक हीं जंगल की ओर चली जाती हैं। वरुण एक शेर के रूप में जन्म लेता हैं तो गौतम गिलहरी के रूप में जन्मता हैं

आरण्यक जंगल का राजा शेर बन चुका वरुण वहाँ के जानवरों को पहले ललकारता बाद में कुछ देर में हीं हराकर उन्हें खा जाता हैं। इस तरह कई दिन बित जाते हैं अब स्वयं को बहादुर शक्तीशाली समझने वाले शेर ने घमंड में चूर होकर सभी जानवरों को चुनौती दी

गिलहरी बन चुके गौतम ने सभी जानवरों को एकजुट किया और शेर की गुफा की ओर चले गए। शेर को लगता हैं की सब उसकी प्रशंसा करने आए जब्की वे लडने आए। आखिर में शेर सभी जानवरों की एकजुट शक्ती देख दूसरे जंगल में भाग जाता हैं। तब सभी जानवर गिलहरी को शाबासी देते हैं।

गिलहरी की जीत हिंदी कहानी । Adventure Story in Hindi by hindistoryloop blog

कहानी की शुरुआत वरुण नाम के व्यक्ती से होती हैं। वरुण एक बिझनेसमैन हैं जो कई प्रकार के बिझनेस अकेले संभालता हैं। एक खास मित्र गौतम बेकरी के पदार्थ का बिझनेस करता हैं जो वरुण ने हीं संभालने के लिए दिया हैं। वरुण पहले से हीं एक fighter बनना चाहता था इस कारण बिझनेस सेटअप होते हीं वह एक स्किल फायटर बन जाता हैं।

दूसरी ओर पहले से हीं फायटर रह चुका गौतम पैसों की कमी और अन्य के कारण के चलते बेकरी का बडा बिझनेस संभालता हैं मगर वह वरुण की उलटी सीधी बातों से तंग आ जाता हैं फिर भी शांत रहकर सबक सिखाने का सहीं समय खोजता हैं। गौतम को पता चलता हैं की, वरुण एक साधारण रूप बनाकर किसी गांव में fighting करने जा रहा हैं।

यह जानने के बाद गौतम भी फायटिंग की तयारी शुरु कर देता हैं। इसके बाद गौतम वरुण का पीछा करते हुए अग्नीपूर गांव में प्रवेश करता हैं। इस गांव में चल रहे लडाई के खेल में पैसे लगाए जा रहे हैं देख वरुण भी मैदान में आकर एक एक करके सभी फायटर्स को हरा देता और घमंड में चूर होकर बडे फायटर्स को ललकारता हैं। जो भी मैदान में उतरता आधे घंटे से अधिक समय तक टिक पाता।

वरुण के ऐसे उलटी सीधी बातों को सुनकर गौतम भी मैदान में उतर जाता हैं। शुरुआत में वरुण गौतम पर भारी पड जाता हैं बाद में दोनों के बिच समान रूप से एक घंटे तक लडाई चलती हैं आखिर में दोनों पीछे हट जाते हैं। लडाई का कोई नतिजा ना निकलने से वरुण और गौतम एक दूसरे की छाती पर जोरदार मुक्के मारते रहते हैं। इन मुक्कों के कारण वरुण गौतम की मौत वहीं पर हो जाती हैं।

दोनों का अंतिम संस्कार करने से पहले उनकी आत्माए आरण्यक जंगल की ओर चली जाती हैं जो उनके वश में भी नहीं होता। वरुण एक घमंडी शेर के रूप में जन्म लेता हैं तो गौतम बहादुर गिलहरी के रूप में। वरुण गौतम का अंतिम संस्कार उनके परिवार वाले कर देते हैं तबतक उन्का जन्म हो चुका था।

यहीं वरुण शेर के रूप में आरण्यक का राजा बन जाता हैं और आए दिन छोटे बडे जानवरों का शिकार करके स्वयं को बहादुर समझता हैं। इसी बहादूरी के चक्कर में शेर घमंड में चूर होकर लडाई के लिए चुनौती देता हैं और सबको कहता हैं, " मेरे जैसा कोई भी शूरवीर बलवान नहीं हैं इस जंगल में जो मुझे लडाई के लिए चुनौती दे सके "
ऐसी बातें सुनकर जंगल के बडे बडे जानवर भी शेर के आगे सिर झकाए रहते हैं जिस्से उसके घमंड में बढोतरी होती जाती हैं इस कारण शेर कई जानवरों का आसानी से शिकार कर पाता हैं।

गौतम जिसने गिलहरी के रूप में जन्म लिया वह आरण्यक जंगल में उन्हीं जानवरों के पास आ जाता हैं जो शेर की बातें सुनकर सिर झुकाए हुए हैं। उस गिलहरी को यह दृश्य देखकर आश्चर्य हुआ की शेर की दहाड और ललकार से जानवर भयभीत होकर खडे हैं जबकी जंगल में शेर से भी बडे भयानक शक्तीशाली जानवर हैं जो शेर को आसानी से पछाड सकते हैं। गिलहरी रूप गौतम ने सोचा, " शेर के भय को हमेशा के लिए सभी के मन से निकालना होगा इसिलिए मुझे युक्ती लगाकर कुछ न कुछ करना पडेगा। "

इसी जंगल में मौजुद जानवर जो कुछ समय के लिए भविष्य देख सकता हैं उसे दिखाई देता हैं, " यह शेर और गिलहरी किसी कारण आपस में जुडकर नए जीव सिंहगिल में बदल जाएगे जिस्से इस जंगल पर पहले से अधिक खतरा मंडराएगा " इसे जानने के बाद वह जानवर प्रकृती के खेल में हस्तक्षेप न करने का तय करता हैं।

शेर के जाने के बाद गिलहरी सबको रोककर कहती हैं, " क्या इस जंगल में ऐसा कोई जानवर नहीं हैं जो शेर का मुकाबला कर सके ? जंगल में शेर से बडे और शक्तीशाली जानवर होते हुए भी सिर झुकाए खडे रहे, आखिर क्यूँ ? अगर सब के सब इसी तरह कायरता से जीना चाहते हैं तो ठिक हैं मैं खुद शेर से मुकाबला करुँगी फिर देखते हैं कौन कितना शक्तीशाली हैं। "

छोटी गिलहरी की ऐसी बातें सुनकर सभी जानवर उसका मजाक उडाने लगते हैं लेकीन भविष्य जानने वाला जानवर शांत बना रहता हैं। कुछ देर मजाक वाली चलती हैं बाद में गिलहरी सिरियस होकर शेर से लडने जाती हैं। ऐसा देख अन्य जानवर मजाक उडाना बंद करके गिलहरी का साथ देने का निर्णय लेते हैं और एकत्र आकर क्या करें बहस करते हैं।

लोमडी कहती हैं, " गिलहरी अगर तुम शेर से लडाई कर सकती हैं तो मैं भी शेर से लडाई कर सकती हूँ। मेरी चालाक बुद्धी के आगे शेर कमजोर हैं जिसे मैं इस लडाई में हरा दूँगी "
इसी बिच पेड पर लटक रहा बंदर लंबी छलाँग लगाकर गिलहरी के पास आ जाता हैं।
बंदर कहता हैं, " लोमडी के समान मैं भी इस लडाई में भाग लूँगा और पेड पर फल, पत्थर फ़ेककर घायल कर दूँगा आखिर में उसे हरा दूँगा "

छोटे जानवरों की ऐसी बातें सुनकर हाथी से रहा नहीं गया और कहने लगा, " अगर छोटे जानवर इस लडाई में भाग ले सकते हैं तो मैं क्यूँ नहीं, मैं अपने बडे बडे शक्तीशाली पैरों शेर को आसानी से कुचल दूँगा "
इतना कहने के बाद सभी जानवर एकजुट होकर शेर की गुफा के पास जाने लगे और सभी गुस्से में जोर जोर चिल्लाते रहते हैं। इस आवाज से शेर गुफा के बाहर आ जाता हैं।

सभी जानवरों को एकसाथ अपनी ओर आते देख शेर को ऐसा लगता हैं जैसे सब उसकी बहादुरी की प्रशंसा करने आए मगर सभी के हावभाव को देखकर शेर को थोडी घबराहट हो जाती हैं। शेर कहता हैं, " तुम सब एक साथ मेरी ओर क्यूँ बढ रहे हो मरने का शौक हैं, अकेले आने से डर लगता हैं, जान प्यारी हो तो वापस लौट जाओ, अन्यथा बुरा होगा "

गुस्से से भरा हुआ हाथी अचानक कहता हैं, " अब हमें कोई भय नहीं, हम आपसे लडाई करने आए हैं बहुत राज्य कर लिया आपने अब अधिक नहीं, हम तुम्हारे अधीन नहीं रहना चाहते हैं, अगर तुम्हे राजा बने रहने हैं तो हमसे लडाई करके हराकर दिखाओ "
शेर कहता हैं, " बहुत बोल लिया तुमने हाथी कौन हैं जो मेरे साथ लडाई करना चाहता, मुर्खों आगे बढो मरने के लिए "

देखते देखते सभी जानवर गुस्से से भरकर शेर की ओर आगे बढने लगे और चिल्लाते हुए मारने की बात करते हैं। शेर को समझ नहीं आता आखिर सब मेरे विरोध में कैसे खडे हो गए, कौन हैं जो मेरे विरूद्ध भडका रहा हैं।
तब उस भीड में से एक छोटी गिलहरी लिडर के रूप में आगे आकर कहती हैं, " क्यों शेर तुमने हीं तो बहादुरी दिखाते हुए सबको लडाई के लिए ललकारा था जो तुम्हें हरा सके, अब मेरे जैसा छोटा जीव भी तुम्हें लडाई के ललकार रहा हैं, तुम्हारी ईच्छा थी "

इन बातों से शेर अब पहले से अधिक डर जाता हैं और उन्का हौसला तोडने के उनके लिडर छोटी गिलहरी को पकडना चाहता हैं। इससे पहले शेर गिलहरी को निशाना बनाता सभी जानवर उसकी ओर तेज से आगे बढते हैं। सब जानवरों को अपनी ओर आगे बढते देख शेर जान बचाने के लिए दूसरे जंगल की ओर भागता रहता हैं।

सभी जानवरों ने बहुत दूर तक शेर का पीछा किया लेकीन दूसरे जंगल में शेर छुप जाने वे अपने जंगल में एकजुट होकर आते हैं। शेर के भाग जाने से सब उस छोटी गिलहरी की बहादुरी देख शाबासी देते हैं और अपने स्थानपर चले जाते हैं। एक बंदर इनाम के रूप में गिलहरी को फल देकर पेड पर चला जाता हैं।

दूसरी ओर भविष्य जानने वाला जानवर खुद से कहता हैं, " इस घटना के कुछ दिन बाद रहस्यमयी घटना होगी जिस्से उसी सिंहगिल जीव का निर्माण होगा, पर मैं कुछ कर भी नहीं सकता " ऐसा कहने के बाद वह जानवर चला जाता हैं।

गिलहरी की जीत हिंदी adventure story

Moral of Squirrel Victory story

सीख - " किसी भी स्थिती को कम नहीं समझना चाहिए, बहादुरी से सामना करना चाहिए "

हमारी आज की कहानी " गिलहरी की जीत " Adventure story in hindi समाप्त हो जाती हैं। अगर आपको हिंदी कहानी पसंद आए तो comment करके अवश्य बताए। 

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