1. सुक्रोज ग्रह की कुल आयु में 10 लाख महाराज बित जाते हैं।
2. एक महाराज की आयु में एक लाख राजा बित जाते हैं।
3. सुक्रोज ग्रह के वीर योद्धा ग्रह की व्यवस्था बदलने का प्रयास करते हैं।
4. एक दिन कई ग्रहों पर युद्ध जीता हुआ सुक्रोल विक्रांत राजा वज्रबाहू को चुनौती देता हैं।
5. राजा वज्रबाहू आसानी से शक्तीशाली विक्रांत को नष्ट कर देते हैं।
6. यहीं विक्रांत पृथ्वीपर एक दर्जी के यहाँ सतिश नाम से जन्म लेता हैं।
7. सतिश भी अपने पिता की तरह दर्जी बनता हैं लेकीन स्वयं को बहादुर समझता हैं।
8. दही को मक्खीयों से बचाते समय कुछ देर के लिए शक्तीयाँ जाग जाती हैं।
9. सतिश हवा के दबाव को निर्माण करके मधुमक्खी यों भगाकर सबकी जान बचाता हैं।
10. सतिश की बहादुरी से राजा नहुष एक दानव को मारने के दरबार में बुलाते हैं।
11. अगले दिन दानव को देख शक्तीयाँ जागृत हो जाती हैं बाद में दोनों शक्ती प्रदर्शन करते हैं।
12. आखिर में शक्तीशाली दानव को पराजित करके दानव लोक भेज देता हैं।
13. राजा नहुष इस बहादुरी से प्रसन्न होकर अपनी पुत्री का विवाह दर्जी सतिश से करवाते हैं।
14. इसके बाद सतिश को राज्य का अगला राजा घोषित किया जाता हैं।
शक्तीशाली दर्जी की कहानी भाग 1 - Hindi Adventure story Introduction
यह कहानी सुक्रोज ग्रह की हैं जिसके चारों ओर सुर्य जितने बडे एस्टेरॉइडस गेंद के समान चारों ओर घुमते रहते हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं सुक्रोज ग्रह कित्ना बडा हैं। इस ग्रह के निवासी अपने basic attack से एकसाथ 10 एस्टेरॉइडस को नष्ट करते हैं।![]() |
शक्तीशाली दर्जी की कहानी भाग 1। Best adventure story in hindi |
लोगों को मारकर खाने वाले दानव को समाप्त करने के लिए महाराज दर्जी को चुनते हैं। यह दर्जी अगले दिन कुछ सामान लेकर दानव के पास जाता हैं जहाँ थोडी बातचित होने के बाद शक्ती प्रदर्शन का खेल शुरु हो जाता हैं। दर्जी के अंदर छुपी शक्तीयाँ अचानक से बाहर आ जाती हैं।
तब दर्जी बडी आसानी से दानव को शक्ती प्रदर्शन में हरा देता हैं और गुस्से से हमला करने आए दानव को एक मुक्के के प्रहार से दूसरे पहाड पर फ़ेक देता हैं। तब घबराया हुआ दानव दर्जी की बात मानकर दानव लोक में चला जाता हैं। इस कार्य से खुश हुए महाराज अपनी पुत्री का विवाह दर्जी से करवाते हैं।
शक्तीशाली दर्जी की कहानी भाग 1 - Long hindi adventure story by hindistoryloop blog
कहानी की शुरुआत भू मंडल से 130 प्रकाश प्रकाश दूर उपर की ओर सुक्रोज ग्रह हैं। यह सुक्रोज ग्रह अन्य सभी ग्रहों से अलग हैं जिसके चारों ओर घुमने वाले एस्टेरॉइडस एक गेंद के समान हैं किंतु एक छोटा एस्टेरॉइड सुर्य के व्यास जितना बडा हैं। सुक्रोज ग्रह जिस सौर मंडल में हैं उस सौर मंडल को व्योम तत्व का आवरण चारों ओर से घेरा हुआ हैं।
इस सौर मंडल की खास बात यह हैं, इसे विशाल आकाशगंगा से बाहर रखा जाए अथवा डार्क वॉइड में भेजा जाए तब भी अंदर की ओर कोई नुकसान नहीं होगा इन्हीं कारणों के चलते इस ग्रह वासीयों की आयु 10 लाख वर्ष हैं। यहाँ के निवासीयों को सुक्रोल नाम से जाना जाता हैं जो अपने एक basic attack से सुर्य जित्ने विशाल 10 एस्टेरॉइडस को नष्ट करते हैं।
ऐसी विनाशकारी शक्तीयों के कारण अन्य ग्रहों के वासी सुक्रोल से दूरी बनाए रखते हैं। सुक्रोज ग्रह की एक व्यवस्था हैं जिसे सुक्रोल चाहकर भी भेद नहीं पाते और जो ऐसे करने का प्रयास करता हैं वो ग्रह की ऊर्जा के कारण नष्ट होकर अन्य ग्रहों पर शरीर धारण करने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
जो भी सुक्रोल ग्रह की ऊर्जा से बच जाया करते हैं महाराज को उन्हें मारना पडता हैं अन्यथा महाराज स्वयं कुछ वर्षों के लिए सामान्य शक्तीहीन हो जाते हैं। सुक्रोज ग्रह की पूरी आयु में 10 लाख महाराज बित जाते हैं और एक महाराज की आयु में 1 लाख राजा बित जाते हैं। ऐसी हीं लंबी आयु के लिए कई सुक्रोल सुक्रोज ग्रह के नियम तोडकर राजा और महाराज बनना चाहते हैं।
ऐसा हीं एक सुक्रोल विक्रांत वीर योद्धा हैं जो अपने ग्रह के साथ अन्य ग्रहपर युद्ध जीत चुका हैं कई बार हार का सामना करना पडा। एक दिन राजा बनने के लालच में अपने हीं राज्य के राजा वज्रबल को कम समझकर लडाई के लिए चुनौती देता हैं। कई साथी विक्रांत को राजा से क्षमा माँगकर बात वापस लेने को कहते हैं मगर वह नहीं सुनता।
अगले दिन सुबह राजा वज्रबल के महल में विक्रांत आ जाता हैं। विक्रांत सभी के समक्ष यह शर्त रख देता हैं, " जो भी व्यक्ती लडाई में जीत जाएगा वह राजा बनेगा और अपनी इच्छानुसार सुक्रोज ग्रह के नियम बदल पाएगा " ऐसा कहकर हँसता हैं।
अगले हीं पल राजा और विक्रांत मैदान में आ जाते हैं जहाँ विक्रांत कई प्रकार के युद्ध कौशल का उपयोग करके हमले कर देता हैं मगर राजा अपने स्थान पर अडिग बना रहता हैं। विक्रांत की उछ्लकुद देखने के बाद राजा एक साधारण मुक्के से विक्रांत को नष्ट करके अपने सिंहासन पर जाकर बैठ जाता हैं।
विक्रांत नष्ट होते देख पुरे मैदान में समय जैसे थम जाता हैं। राजा की शक्ती देखने के बाद विरोध कर रहे योद्धा क्षमा माँगकर अपने स्थानपर चले जाते हैं। दूसरी ओर पृथ्वी के जोधपुर राज्य में एक दर्जी के यहाँ विक्रांत, सतिश रूप में जन्म लेता हैं। सतिश के जन्म लेते हीं कई दानवों को तरंग आकर टकराती हैं मगर पता नहीं कर पाते।
कई दानव पहले हीं पोर्टल बनाकर जोधपुर राज्य के पास में स्थित जंगल में निवास बनाकर रहते हैं। भुख लगने पर राज्य में आकर अफरातफरी मचाकर लोगों को मार देते हैं और खा जाते हैं। कई बार राजा नहुष ने भी दानवों को मारने का प्रयास किया लेकीन ऐसा ना कर सके और कई सैनिक खो दिए।
सतिश को 10 वर्ष होते हीं उसके पिता गुजर जाते हैं बाद में सतिश स्वयं दर्जी का काम संभालकर घर का खर्चा उठाना शुरु करता हैं। दर्जी का काम करते हुए सतिश 28 वर्ष का हो जाता है फिर भी कपडे सील कर इतने पैसे कमाता हैं जिस्से माता और स्वयं का जीवन चल सके। सतिश को हमेशा अपने अंदर अधिक ऊर्जा का आभास होता रहता हैं इस कारण स्वयं को बहादुर शक्तीशाली समझता हैं।
एक दिन काम के कई सारे पैसे जमा होने के बाद सतिश के मन में दही खाने का विचार आ जाता हैं इसिलिए बाजार से दही लाकर घर में सुरक्षित रख देता हैं ताकी काम खत्म होने के बाद खाया जा सके। दर्जी का काम जल्दी समाप्त होने से दही खाने जाता हैं तो कई सारी मक्खीयों को दहीपर बैठे पाकर गुस्सा हो जाता हैं।
सतिश एक कपडे की सहायता से कई मक्खीयों को मार गिराता हैं तब दानवों के कारण गांव में आई कई मधुमक्खीयाँ उत्पात मचाती हैं। इस बिच सतिश बचाव के कपडे का उपयोग करता हैं कुछ देर के लिए बाहर आ चुकी ऊर्जा से थोडी मधुमक्खीयाँ मारी जाती हैं तो बाकी हवा के दबाव से दूर चली जाती हैं।
मधुमक्खीयों को भगाने के इस अद्भुत कार्य से स्वयं को बहादुर समझकर एक कपडे पर लिखता हैं, " एक प्रहार साथ शिकार " और स्वयं की बहादुरी का प्रचार करते हुए कहता हैं, " मैं एक बार में हीं सात को मार सकता हूँ " इस बात पर सभी समर्थन करके बहादुर मानते हैं क्योंकी उन्होंने स्वयं देखा की सतिश ने मधुमक्खीयाँ भगाई।
एक दानव पोर्टल से आकर जंगल में रुक गया और आए दिन राज्य में उत्पात मचाकर लोगों को खा जाता हैं। वह दानव ऐसा हर रोज करता पर राजा भी कुछ नहीं कर सकते। राजा के पास पर्याप्त शक्ती ना होने से दानव से हारकर वापस आना पडता। राजा को ऐसा बहादुर व्यक्ती चाहिए जो ऐसे कई दानवों आराम से मार सके उसके अगले दिन गाँव वालों की बातें राजा तक पहूँच जाती हैं। राजा को पता चलता हैं, यह सतिश एक बार में सात को मार सकता हैं।
राजा को लगता हैं ऐसा बहादुर व्यक्ती हीं हमारी मदद करने के योग्य होगा इस कारण सैनिकों को आदेश दिया जाता हैं सतिश को महल में बुलाने का। तब सैनिक लोगों से बातचित करते हुए सतिश तक पहूँचकर राजा के महल में आने को कहते हैं। राजा के बुलावे स्स खुश हुआ सतिश रातभर सो नहीं पाता और स्वयं को गर्वित समझ लेता हैं। अगले दिन पूरी तयारी करके राजा के महल की ओर जाते समय कहता हैं, " पता नहीं महल में क्या होगा ?, जाने पर भी समझ आएगा "
दरबार पहूँचते हीं सतिश का जोरदार स्वागत किया जाता हैं। दरबार में बैठे लोग सतिश को एक रक्षक रूप में देखना शुरु करते हैं। राजा को दूसरी दुनिया के बारें में बताने वाला एक व्यक्ती जब सतिश की ओर देखता हैं उसे शक्तीशाली तेज प्रकाश दिखता हैं। एक पल के लिए सतिश के भीतर मौजुद सुक्रोल को देख कर डर जाता हैं मगर राजा के समक्ष शांत रहता हैं।
राजा कहते हैं, " सतिश यह दानव किसी रहस्यमयी द्वार से हमारे राज्य में आ गए और जंगल में बस गए। एक हीं दानव हर रोज आकर लोगों को खा जाता हैं "
सतिश, " आप चिंता ना करें महाराज, मैं उन दानवों को अवश्य रोक सकता हूँ, बस मुझे उन्से जुडी और अन्य बातें जाननी हैं "
राजा कहते हैं, " ठिक हैं, मेरे खगोलीय सलाहकार जानकारी देंगे "
सलाहकार शुरुआत से अंत तक उन दानव की जानकारी देता हैं जिसपर सतिश राजा को आश्वस्त करते हुए कहता हैं, " आप चिंता न करें उसे मैं अकेले हीं मार दूँगा और दानव लोक में जाने पर विवश कर दूँगा " इतना कहने पर राजा कुछ देर सोचते हैं।
राजा, " तुम अपने साथ सैनिक हथियार ले जाओ, आवश्यकता पड सकती हैं।
सतिश ने हँसकर कहाँ, " महाराज मुझे इसकी आवश्यकता नहीं हैं, अगर आप भेजना चाहते हैं तो भेज दे, आपका कार्य पुरा होगा "
अगले दिन दर्जी सतिश एक चिडिया और साधारण तलवार लेकर दानव के पास जाता हैं जिनके साथ कुछ सैनिक अन्य लोग भी आते हैं। सतिश जैसे हीं दानव को देखता हैं उसके अंदर सुक्रोल विक्रांत की शक्ती जागृत हो जाती हैं। सतिश को कुछ पल में याद आ जाता हैं की यह तो वहीं दानव हैं जिसने सुक्रोज ग्रहपर उत्पात मचाया आखिर में शक्तीयाँ कम होने से पोर्टल बनाकर भाग गया। जैसे हीं ध्यान तुट जाता हैं स्वयं के सतिश रूप को प्राप्त करता हैं।
दर्जी सतिश कहता हैं, " हे दानव मैं तुम्हें मारने आया हूँ, दानव लोक भाग जाओ नहीं तो बुरा होगा।"
दानव बोला, " मैं नहीं भागो गे तो तुम, अगर तुम्हें मरने का शौक हैं तो लडाई करके देख सकते हो "
सतिश गहरी आवाज में बोलता हैं, " शायद तुमने मुझे अभी तक जाना नहीं, कोई बात नहीं जान जाओगे "
शक्ती प्रदर्शन शुरु हो जाता हैं दानव एक भारी पत्थर को उठाकर दूर फ़ेक देता हैं जो कई किमी दूर 10 मिनट में समुद्र में जाकर गिर जाता हैं। राजा का मुख्य सलाहकर दिव्य आँखों द्वारा सब देखता हैं।
दानव ने सतिश से कहाँ, " अब तुम्हारी बारी हैं, बच्चे "
सतिश ने कहाँ, " बस इतना हीं दूर फ़ेक सकते हो "
इतना कहने के बाद सतिश बहुत बडे पत्थर को जोर से उपर की ओर फ़ेक देता हैं मगर भूमी पर कोई धमाका ना हो इस कारण सतिश के सुक्रोल रूप की एक अंश ऊर्जा चिडिया में चली जाती हैं।
छोटी सी चिडिया बहुत बडी सुवर्ण चिडिया में बदलकर जमीन पर गिर रहे पत्थर को पृथ्वी के बाहर फ़ेक देती हैं। इसके बाद सतिश का वाहन बनी चिडिया कुछ समय के लिए पृथ्वी का चक्कर लगाने चली जाती हैं। सतिश के इस कार्य को देख दानव थोडा घबरा जाता हैं तब उन्हें आसमान में वहीं चिडिया एक पल में दिखने के बाद गायब हो जाती हैं।
इस बार दानव मानव के आकार का होकर 10 टन भारी पत्थर को एक साधारण मुक्के के प्रहार से धुल में बदलता हैं। तब सतिश भी एक मुक्के के प्रहार से 10 टन पत्थर को धुल बना देता हैं। आखिर में क्रोधित हुआ दानव जोर से चिल्लाता हैं जिसकी तरंग से सतिश के साथ आए लोग बेहोश होकर गिर जाते हैं मगर राजा का सलाहकार अपने स्थानपर टिकता हैं।
दानव अपने छुने भर मात्र से सलाहकार को जंगल में फ़ेक देता हैं और क्रोध में आकर सतिश पर जोरदार मुक्का मारकर कई दूर फ़ेक देता हैं। मगर इस बार सतिश भी मुक्का मारकर पहाडी पर फ़ेक देता हैं और उसी मैदान में पटक देता हैं। घबराया दानव सतिश के समक्ष क्षमा माँगता हैं और सतिश के कहने पर एक पोर्टल द्वारा दानव लोक लौट जाता हैं।
इसके बाद सतिश सभी लोगों को होश में आकर राजा के पास ले जाता हैं और दानव को हराने की खुश खबरी देता हैं। सलाहकार भरी सभा में इस लडाई का वर्णन विस्तार से कर देता हैं। इसके बाद अपनी पुत्री के लिए योग्य वर खोज रहे राजा को दर्जी सतिश मिल जाता हैं। तब राजकुमारी और सतिश दोनों का विवाह करके अगला राजा घोषित कर देता हैं।
Adventure story in hindi Moral
सीख - " अपनी क्षमता का सहीं स्थानपर उपयोग करना चाहिए "दोस्तों आज की हमारी कहानी " शक्तीशाली दर्जी की कहानी भाग 1 - Adventure stories in hindi " समाप्त हो जाती हैं। अगर आपको पसंद आई हो तो like share comment करें । साथ हीं अन्य कहानीयाँ भी पढ सकते हैं।
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