नीले सियार की कहानी भाग 1 - Blue Fox Story in Hindi - Blue Jackal Fantasy Story in hindi

 

Blue Jackal fantasy story in hindi - Blue Fox Hindi Story 

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नीले सियार की कहानी भाग 1 - The Blue Jackal fantasy story in hindi moral


कहानी की शुरुआत एक जंगल से होती हैं जहाँ पर कई पशु पक्षी अजीब से काले धुँए की ऊर्जा को आभास करके यहाँ वहाँ भागते रहते हैं। कई जानवर जान बचाने के लिए गुफा आदी स्थानों में छुप जाते हैं पक्षी भी अपने लिए सुरक्षित स्थान को खोजने गुफा की ओर भाग जाते हैं।

दूसरी ओर उसी जंगल में हत्यारा गुंडा पोलिस से बचते हुए आता हैं। जंगल में कुछ अंदर जाते हीं पोलिस गोलीयाँ चलाकर हत्यारे हलकान को मार देते हैं। जो अँधेरी की ऊर्जा अबतक वन्य जीवों की ओर जा रहा होता हैं वह हत्यारे के पास आने लगता हैं। काले धुँए की नकारात्मकता के पोलिसवालों को तेज पसीना छुटता हैं। जान को खतरा देखकर हत्यारे की लाश को छोडकर भाग जाते हैं।

काला धुँआ हत्यारे की आत्मा को गोले में कैद स्वयं के पास रखता हैं और बाद में काले रंग के पेड का निर्माण करके उसी में चला जाता हैं। सकारात्मक वातावरण बनने से जानवर पुन्हा बाहर आ जाते हैं इस बार तेज हवा लगातार बहने से कुछ पेड उखड जाते हैं और कुछ जीव हवा के साथ बहते रहते हैं।

पेड के निचे खडे सियार पर एक शाखा आकर गिरने से हालत खराब हो जाती हैं ठिक से शिकार नहीं कर पाता, कई दिनों तक भुखा रहने के बाद एक गांव में खाने की खोज में चला गया। कुत्तों से बचने के लिए सियार एक नीली स्याही के ड्रम में छुप जाता हैं। कुत्तों के जाने के बाद नीले रंग का बन चुका सियार स्वयं को भगवान का सेवक बताकर राजा की तरह रहता हैं और खाने की कमी भी नहीं होती।

एक दिन प्यास बुझाने के लिए तालाब की ओर गया सियार दुसरे सियार के समान आवाजे निकालता हैं जिससे सभी सियार की वास्तविकता पता चलती हैं। बाद में सभी जानवर धोखा देने की वजह से सियार को मार देते हैं। दूसरी ओर काले धुँए को जो शरीर चाहिए था उसे वह सियार मिल जाता हैं और बाद में हत्यारे की आत्मा को सियार में डालकर अपना सबसे शक्तीशाली गुलाम बनाता हैं। 

नीले सियार की कहानी भाग 1 - Fantasy Story in Hindi longstory


कहानी की शुरुआत कल्पवट नाम के जंगल से होती हैं। यह कहानी जिस जंगल की हैं वह जंगल ऐसे ब्रह्मांड का हिस्सा हैं जिसके केंद्र का व्यास 100 Quadrillion प्रकाश वर्ष हैं और चारों ओर से घेरे हुए कुल 12 आवरण हैं। हर आवरण पहले आवरण से 10 गुना विशाल हैं। उसी ब्रह्मांड के अधोलोक में स्थित मोहासुर का एक अंश काले धुँए के रूप में हरी भरी पृथ्वी पर आ जाता हैं।

यह काला धुँआ पृथ्वीपर अपना राज्य चलाना चाहता हैं। गुलाम सेना ना होने से धुँआ शहरी क्षेत्र में जाने के बजाय अँधेरे में प्रकाश समान जगमगाने वाले तेजस्वी कल्पवट नामक जंगल में प्रवेश करता हैं। यह धुँआ उस जंगल के बारें में थोडी सी जानकारी प्राप्त करके हैरान हो जाता हैं। धुँए को बाद में पता चलता हैं की इस जंगल के जानवर किसी कारणवश मानव के समान भाषा बोलते हैं और यह जंगल अपने आप में कई रहस्य छुपाए हुए हैं।

काला धुँआ जंगल में अपनी मौजुदगी दर्ज करवाने के लिए नकारात्मक ऊर्जा प्रसारित करते हुए जंगल के उपर से जाने लगता हैं। सामान्य रूप से जीवन बिताने वाले जीव आसपास नकारात्मक ऊर्जा का आभास करके अशुभता पाते हैं। अशुभ वातावरण के आभास से जंगल के जानवर जान को खतरा देखकर सुरक्षित गुफाओं में चले जाते हैं पक्षी भी गुफा आदी की खोज में लगे रहते हैं। कुछ समझदार जानवर ऐसी गुफा में छुप जाते हैं जहाँ रखी हुई मणी से बुरी शक्तीयाँ पास नहीं आ पाती। इसके बाद धुँआ जंगल में भटकते हुए बुराई का प्रतिक बनने के योग्य जीव का शरीर प्राप्त करने के लिए कुछ पेड़ों के उपर जाकर रहता हैं।

दूसरी ओर हलकान नाम का हत्यारा 12 लोगों की हत्या करके पोलिस की नजरों से भाग जाता हैं। कई पोलिस देखते हैं की, हलकान अपनी जान बचाते हुए जंगल की ओर चले जाते हैं। पीछा करते हुए पोलिस पहले से हीं रहस्यमय माने जाने वाले कल्पवट जंगल में आ जाते हैं। पोलिस एक ट्रैकर की मदद से हल्कान को चारों से घेर लेते हैं इस बिच हल्कान पोलिस पर गोलीयाँ चलाकर भागने का प्रयास करता हैं लेकीन जैकेट होने से पोलिस बच जाते हैं। कुछ देर बाद उस हल्कान पर ताबडतोड गोलीयाँ चलाकर मार दिया जाता हैं।

हल्कान को मारने पर उसकी लाश पोलिस थाने ले जाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें एक लाख का इनाम मिलने वाला होता हैं इस कारण पोलिस लाश को उठाने जाते हैं। जो काला धुँआ अबतक वन्य जीवों के पीछे जा रहा होता हैं वह हत्यारे हल्कान के पास आने लगता हैं और काले धुँए की नकारात्मकता पोलिस वालों के पास आना शुरु हो जाती हैं। धुँए की तीव्र नकारात्मकता से पोलिस वालों की धडकने तेज होकर अकारण पसीना छुट जाता हैं कुछ अहित होने वाला हैं यह जानकर पोलिस लाश को वहींपर छोड भाग जाते हैं। जंगल से कुछ दुर जाते हीं एक पोलिस वाला खुन की उल्टीयों से मारा जाता हैं। मर चुके पोलिस को अन्य पोलिस थाने में ले जाते हैं।

लाश के पास आया धुँआ हल्कान को देखकर खुश हो जाता हैं और एक बडा सा गोला बनाकर अपनी कैद में रखता हैं। काला धुँआ एक काले पेड का निर्माण करके हल्कान की लाश को उसी पेड में सुरक्षित रख कर स्वयं भी पेड में समा जाता हैं। थोडी देर काला धुँआ अपना प्रभाव कम करते हुए सहीं समय की प्रतिक्षा करता हैं तब जंगल में से नकारात्मकता पूरी तरह से गायब हो जाती हैं। धीरे धीरे जंगल का वातावरण भी सकारात्मक होने से जंगल के जीव गुफाओं में से बाहर आकर चैन की साँस लेते हैं। पक्षी भी पेड़ों के उपर जाकर बैठ जाते हैं।

थोडी हीं देर बाद अचानक से तेज हवा बहने लगती हैं। तेज हवा को आते देख जानवर फिर्से जान बचाने के लिए गुफा की ओर चले जाते हैं इस बिच कई पेड हवा के चलते उखड़ जाते हैं और कई पक्षी हवा के साथ बह जाते हैं। इसी बिच एक सियार जान बचाने के लिए पेड निचे से होकर जाने लगता हैं तब पेड की एक शाखा सियार पर गिर जाती हैं। इस हादसे से सियार के पैर और पीठ में दर्द होता हैं और सिर भी दुखने लग जाता हैं। सियार कैसे भी करके छोटे मोटे शिकार कर पाता लेकीन कई दिनों तक दर्द बना रहने से शरीर भी कमजोर हो जाता हैं। ऐसा हीं चलते रहने से सियार को खाना मिलना भी बंद हो जाता हैं।

एक दिन तेज भुख लगने से सियार जंगल में भटकता रहता हैं फिर उसे एक हिरन दिखाई देती हैं। बहुत दूर तक पीछा करने पर भी सियार कमजोर होने के चलते पकड नहीं पाता। एक पल ऐसा आ जाता हैं जब कमजोर हो चुकी हिरन हाथ आते आते बच निकलती हैं और सियार भुखा प्यासा भटकता रहता हैं। स्वयं का पेट भरने के लिए सियार को कोई मरा हुआ पक्षी या अन्य जानवर भी नहीं मिलता। खाना न मिलने से निराश हुआ सियार पास में स्थित गांव में चला गया। सियार को एक घर के पास मुर्गी और बकरे दिखाई दिए जिसे वह खाने के लिए आगे बढता हैं।

सियार देखता हैं की कुछ कुत्ते उसी की ओर तेजी से आ रहे हैं वह अपनी जान बचाने के लिए भागता रहता हैं इस बिच सियार को ड्रम मिलता हैं। सियार बिना देरी किए उस नीली स्याही से भरे ड्रम में जाकर छुप जाता हैं। सियार कुछ घंटों तक ड्रम में हीं रहता हैं और जैसे हीं कुत्ते चले जाते हैं सियार बाहर आ जाता हैं। इसके बाद सबसे पहले सियार एक मुर्गी का शिकार करके खा जाता हैं तब वह देखता हैं की उसका शरीर पूरी तरह से नीला हो गया हैं। सियार को समझ नहीं आता की क्या करें और ना करें और जल्दी से उस गांव से निकलकर जंगल की ओर चला जाता हैं और सोचने लगता हैं।

सियार नीले रंग से सुझाव आता हैं की वह स्वयं को भगवान का सेवक बताकर आसानी से जीवन बिता सकता हैं। ऐसा सोचने के बाद सियार तेजी से जंगल में चला जाता हैं और गहरी आवाज में बोलता हैं की वह भगवान का संदेश लेकर आया हैं और सभी जानवर सभा के लिए एक पेड के निचे जमा हो जाए। इतना कहते हीं भगवान का संदेश सुनकर सभी जानवर बडे से पेड के निचे जमा हो जाते हैं।

सियार कहता हैं, " मैं एक अनोखा नीले रंग का प्राणी हूँ, भगवान ने मुझे तुम सब की रक्षा और मार्गदर्शन करने के लिए स्वर्ग से निचे इस जंगल में भेजा हैं। भगवान के आदेश का पालन करते हुए इस जंगल पर राज करुँगा किसी को घबराणे की आवश्यकता नहीं सब अच्छा हीं होगा " ऐसा कहने के बाद सियार अपने मन हीं हँसने लगता हैं।
भगवान का सेवक और उनका आदेश समझकर सभी जानवर सियार को राजा बनाते हैं और सियार के लिए सिंहासन जैसी व्यवस्था करके कहते हैं, " महाराज निलार आपका आदेश क्या हैं हम उसे पुरा करेंगे और आपको निराश नहीं होने देंगे "
तब निलार कहता हैं, " जंगल में मौजुद सियारों की वजह से आने वाली आपदा बहुत बडा विनाश करने वाली हैं जंगल में खतर्स बढेगा इसिलिए सियारों को अन्य जंगल में जाना होगा "

इतना कहते हीं जंगल के जानवर निलार के आदेश का मान रखकर सभी सियारों को जंगल के बाहर भगा देते हैं। इसके बाद निलार बिना किसी भय के छोटे जानवरों को मारकर खा जाता हैं और किसी को पता भी नहीं चल पाता। सियार उसके बाद मन में कहता हैं, " अच्छा हुआ मैंने सारे सियारों को जंगल से बाहर भगा दिया नहीं तो पोल खुल जाती हैं और न जाने मेरे साथ क्या होता "
दूसरी ओर सियार जिस जंगल में जा चुके होते हैं वहाँ आसमान से असलियत का सियार आकर जंगल में उतर जाता हैं। जंगल के अन्य जीवों में भय ना उत्पन्न हो इस कारण 2 मुख 2 पुँछ वाला रूप छोडकर स्वयं के सामान्य रूप में आ जाता हैं।

मगर दूसरी ओर राजा बन चुका निलार आराम से रहता हैं। मोर पंख झुलाते हैं तो बंदर पैर दबाते हैं जबकी शेर कई मृत जानवरों के कंकाल लाकर एक ओर रख देता हैं। जब भी निलार को भुख लगती वह बली के नामपर जानवरों को मारकर खा जाता और सब आदेश का पालन करने में विवश हो जाते हैं। इसके बाद निलार इसी तरह बली माँगकर आराम से बैठता और अन्य जानवर सेवा करते पर जैसे हीं पौर्णिमा आने लगती हैं निलार सियार की धडकने तेज हो जाती हैं और किसी तरह उस दिन जंगल से दूर जाने का विफल प्रयास करता हैं।

उसी पौर्णिमा के दिन दूसरे जंगल से कई सियार तेज आवाज निकालते हैं जिसकी आवाज निलार वाले जंगल में आ जाती हैं। प्यास लगने के कारण बाहर आया निलार भी सियारों की इस आवाज को सुन लेता हैं। निलार स्वयं को बहुत रोकने का प्रयास करता हैं लेकीन रोक नहीं पाता अन्य सियारों की तरह आवाजे निकालता हैं जिसके कारण जाग चुके अन्य जानवर समझ जाते हैं की, इस निलार ने हमें धोखा दिया। सत्य का पता चलने पर सभी जानवर उस निलार को घेर लेते हैं, भागने का प्रयास कर रहे निलार को जानवर मार देते हैं। इसके बाद सभी जानवर अपने स्थानपर चले जाते हैं।

दूसरी ओर काले धुँए को जो शरीर चाहिए था उसे वह निलार सियार के रूप में मिल जाता हैं। सियार की आत्मा को धुँआ कैद नहीं कर पाता पर उसके शरीर को पूरी तरह से काला बनाता और हत्यारे हल्कान की आत्मा को निलार के शरीर में प्रवेश कराके अपना सबसे शक्तीशाली गुलाम बनाता हैं। यहीं गुलाम बाद में कई जानवरों को मारकर खा जाता हैं तब जानवर भी निलार से भयभीत रहने लगते हैं।

The Blue Fox Fantasy Story In hindi
Moral of the story in hindi

सीख - " किसी को झुठ बोलकर अधिक समय तक मुर्ख नहीं बनाया जा सकता, पोल कभी का कभी खुल जाती हैं "

दोस्तों हमारी आज की कहानी " नीले सियार की हिंदी कहानी " समाप्त हो जाती हैं। अगर आपको यह Blue Fox Hindi Story पसंद आए तो हमारे Blog को अवश्य भेट दे और ऐसी अन्य हिंदी कहानी पढने के लिए hindistoryloop blog , fictionmania , hindistorywebnet and cosmickingmultiverse को अवश्य देखे।


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