Little King Chetan Part 1
1. यक्षलोक में अश्वमुख नाम का यक्ष 10 शक्तीशाली मानवीय प्राणीयों को बंदी बनाता हैं।
2. अश्वमुख उन 10 जीवों की स्वरूप ऊर्जा को लेकर स्वयं के जीव स्वरूप बनाता हैं।
3. 10 जीवों को यक्षलोक के बाहर स्थित कैदखाने में रखा जाता हैं।
4. एक सिद्ध यक्ष साधना में व्यवधान उत्पन्न करने से अश्वमुख को श्राप देता हैं।
5. इस श्राप के कारण अश्वमुख को पृथ्वीपर चेतन नामक लडके के रूप में जन्म लेना पडता हैं।
6. चेतन बडा हीं होशियार लडका हैं जो अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए ब्रह्मांड से जुडे प्रश्न पुछता हैं।
7. इस बार राज्य के राजा की क्रूरता और सैनिकों की लाचारी देख अपने मातापिता से प्रश्न करता हैं।
8. मातापिता राजा को दंड देने के लिए किसी रक्षक की बात करते हैं।
9. एक रात सोते समय चेतन से राजा को हराने की शक्ती भगवान से माँगता हैं।
10. भगवान के द्वारा भेजी गई परी चेतन के स्वप्न में आकर एक जादुई तलवार देती हैं।
Little King Chetan Part 1 - Adventure Story
चेतन जिस राज्य में रहता हैं उस राज्य का राजा बहुत हीं क्रूर हैं। छोटी मोटी बातों को लेकर लोगों को कैद करता हैं और कई बार मार देता हैं। राजा के ऐसे व्यवहार से राज्य के लोग परेशान रहने लगते हैं मगर कोई भी आवाज नहीं उठा पाता डरकर जीवन बिताना पड जाता हैं। जिसने भी आजतक राजा के विरुद्ध आवाज उठाई उन्की लाशे सडकों पर पडी मिल जाती हैं।
चेतन राजा की ऐसी क्रूरता से चिढ जाता हैं राजा पर क्रोध आता हैं पर वह कमजोर लडका होने से कुछ नहीं कर पाता। राजा और उनके सैनिकों की ऐसी चिजों से तंग आकर इस घटना से जुडे प्रश्न मातापिता से पुछता हैं तब वे किसी रक्षक आने की बात बताकर चुप हो जाते हैं।
एक रात इन्हीं बातों को लेकर राजा को सजा देने के लिए भगवान से बोलता हैं। स्वप्न में आई परी चेतन को एक जादुई तलवार और कुछ शक्तीयाँ देती हैं। अगले दिन चेतन उस तलवार से राजा और उनके कुछ सैनिकों को मार देता हैं जिसके बाद चेतन को राज्य का राजा बनाया जाता हैं। चेतन अपने परिवार के साथ राजमहल में हमेशा के रहने चला जाता हैं।
छोटा राजा चेतन भाग 1 - Little King Chetan - Best Adventure Story in Hindi
कहानी की शुरुआत अती सुंदर यक्षलोक से होती हैं जहाँ यक्ष अपने हर रोज के कार्य में लगे रहते हैं। किसी खास मकसद से कई सारे यक्ष साधना करने के लिए विविध स्थान पर निकल जाते हैं मगर एक स्थान पर कुछ असुरों का आक्रमण हो जाता हैं इस बिच एक वीर योद्धा अश्वमुख यक्ष रोकने का प्रयास करता हैं और एक साधक की ओर चला जाता हैं।अश्वमुख बडी कठिनाई से कई असुरों को हराकर अपने हीं कल्पना में खो जाता हैं। स्वयं की वीरता की प्रशंसा कर रहा हैं अश्वमुख अचानक से एक साधक की साधना भंग कर देता हैं। अश्वमुख कुछ समझ पाता साधक श्राप देकर पृथ्वीपर भेज देता हैं।
यहीं अश्वमुख श्राप के कारण एक सामान्य परिवार में चेतन के रूप में जन्म लेता हैं । यह चेतन बचपन से रक्षक की तरह हो जाता हैं जो किसी भी अन्याय को सहन नहीं कर पाता और रक्षा करना चाहा तब भी किसी को बचा नहीं पाता। एक प्रकार से बहादुर होते हुए भी लाचार बने रहना। चेतन अपने मातापिता से बहुत प्यार करता हैं और किसी खास स्वभाव के कारण लोग चेतन को पसंद करते हैं।
ऐसे हीं एक क्रूरता को देखकर चेतन अपने पिता को कहता हैं, " पिताजी क्या यह दुष्ट लोग ऐसे हीं लोगों को परेशान करते रहेंगे उन्हें रोकने वाला कोई नहीं ? "
चेतन के पिताजी काम में व्यस्त होने से चेतन की बातों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और कहते हैं, " बेटा चेतन दिख नहीं मैं अभी काम कर रहा हूँ इस बारें में कल बात करेंगे, तुम अभी अपना कार्य पुरा करो " ऐसा कहकर पिताजी ने चेतन की बातों का जवाब नहीं दिया और कार्य करने लगे।
एक जिज्ञासु समझदार लडका चेतन किसी भी तरह से जवाब चाहता हैं जो कोई ना कोई उपाय करके जान जाता हैं। इसके बाद वह अपनी प्यारी माँ के पास जाकर मिठी बातें बोलता हूँ कहता हैं, " माँ राजा और सैनिकों से लोग परेशान आ चुके क्या उन्हें रोकने वाला कोई नहीं, अगर हैं तो कौन माँ ? "
चेतन की ओर देखते हुए माँ कहती हैं, " इन्हें तो केवल एक हीं व्यक्ती रोक सकता हैं जो शक्तीशाली और राजा से अधिक समझदार हैं "
चेतन जिज्ञावश कहता हैं, " वह शक्तीशाली व्यक्ती कौन हैं ? मुझे बताइए "
माँ कहती हैं, " इतना भी क्यों उतावला हो रहा हैं, उस आदमी के बारें में जानकर क्या करोगे ? "
चेतन कहता हैं, " बताइए ना माँ मुझे, मैं जानना चाहता हूँ, आवश्यक हैं "
माँ कहती हैं, " मेरे प्यारे चेतन, इस राज्य के सैनिक हीं राजा को हरा सकते हैं "
चेतन कहता हैं, " पर माँ यह सैनिक राजा को रोकते क्यूँ जब्की खुद सैनिक हीं लोगों को परेशान करते हैं "
माँ चेतन से कहती हैं, " ऐसा इसिलिए क्योंकी राजा अच्छे इंसान नहीं क्रूर हैवान हैं, जो भी सामान्य व्यक्ती अथवा सैनिक बगावत पर उत आता हैं उन्हें पकडकर कठोर दंड देते हैं फिर सैनिक भी कुछ नहीं करते "
चेतन कहता हैं, " माँ मैं इन सैनिकों से लडकर राजा को हराउँगा किसी भी दुष्ट व्यक्ती को नहीं छोडुंगा "
माँ हँसकर कहती हैं, " बेटा चेतन तुम्हारे पास कोई शक्तीयाँ नहीं हैं नाहीं कोई सेना उलट तुम अभी एक छोटे बालक हो, राजा से कैसे लड पाओगे ? "
माँ की बात सुनकर निराश हुआ चेतन अपने कमरे में जाकर मन में सोचता हैं, " काश मेरे पास भी कुछ ऐसा होता की मैं राजा को सबक सीखा पाऊँ "
माँ की राजा वाली बात चेतन के मन में चलती रहती हैं और रात को सोते समय सोचता हैं, " काश मैं किसी तरह राजा से लड पाऊँ "
इसके बाद चेतन भगवान से विनती करता हैं, " हे भगवान मुझे भी शक्तीयाँ दे ताकी मैं राजा को हराकर राज्य की सुरक्षा कर सकूँ "
चेतन की प्रार्थना सुनकर भगवान एक परी को भेज देते हैं। वह परी चेतन के स्वप्न में जाकर कहती हैं, " भगवान ने तुम्हारी सुनकर राजा से लडने के लिए तलवार देदी हैं, जबतक तुम्हारे पास तलवार हैं कोई क्षती नहीं पहूँचा सकता "
इसके बाद चेतन स्वप्न की बात जानकर एक तलवार को खटिया के पास पाता हैं।
इस तलवार की सहायता से चेतन राजा और सैनिकों को मारकर लोगों को गुलामगिरी से बचाता हैं बाद में लोग चेतन को नया राजा घोषित कर देते हैं। आखिर में चेतन अपने परिवार को लेकर राजमहल में रहाणे चला जाता हैं।
दोस्तों हमारी आज की कहानी छोटा राजा चेतन भाग 1 - Adventure story in hindi " समाप्त हो जाती हैं। ऐसी और भी कहानी पढने के लिए हमारी website hindistoryloop को अवश्य भेंट दे।
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