सांप और किसान की कहानी - Snake and Farmer Moral Story In hindi

 

Farmer and Snake Moral story in hindi 

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सांप और किसान की कहानी - Snake and Farmer Moral Story In hindi

नमस्कार दोस्तों, इस लेख में किसान और सांप की कहानी ( Farmer and snake story  ) पढने के लिए मिल जाएगी। सांप की कहानी में रविश नाम लडका दिव्य मणी को प्राप्त कर शक्तीशाली बनने के लालच में श्राप का शिकार होकर एक सांप बनकर देवराज किसान के खेत में अकडकर रह जाता हैं। देवराज किसान अपनी दयालुता के कारण उस सांप को छाती की गर्मी से पुन्हा होश में लाने में सफल हो जाता हैं पर सांप अपने बचाव में देवराज को काटकर जंगल की ओर भाग जाता हैं मगर बचाने वाला देवराज सांप के विष से मारा जाता हैं।


Snake and Farmer short story in hindi

श्यामनगर गांव की यह कहानी हैं। इस गांव के एक जंगल में सर्पक्षेत्र में कई प्रकार की रहस्यमयी घटनाए होती रहती हैं। जो व्यक्ती इस सर्पक्षेत्र में चला गया उसे कभी वापस आते नहीं देखा गया। कई लोग दिव्य शक्तीयाँ पाने की लालसा में जंगल में सर्पमणी खोजने जाते हैं मगर भयानक हादसे से हमेशा के लिए गायब हो जाते हैं।

इसी क्षेत्र में रहने वाला भुजंग नाम का व्यक्ती सर्पमणी को पाने के लिए सर्पक्षेत्र में प्रवेश करता हैं मणी तो उसे नहीं मिलती मगर उसे चार हाथ तीन नेत्र और एक पुछ मिल जाती हैं। श्राप के कारण वह भुजंग जंगल की सिमा रेखा में हीं तैनात रहकर लोगों को अंदर जाने से रोकता हैं जो नहीं मानते उन्हें उनके हाल पर छोडकर हँसता रहता हैं।

ऐसा हीं एक व्यक्ती सर्पक्षेत्र के बारें में सुनकर खुश हो जाता हैं और एक खोजकर्ता होने के नाते रविश कई आवश्यक साधन लेकर श्यामनगर में चला आता हैं जहाँ के लोग उसे जंगल से मना कर देते हैं। फिर भी मणी को पाने के लिए जंगल की ओर निकल जाता हैं तभी भुजंग भी उसे समझाने में सफल रहता हैं। भुजंग की बातों को अनदेखा करके वह अंदर जाकर अद्भुत दृश्य देखता हैं।

पंचमुखसर्प अपने माथे से 108 सर्पमणीयों को निकालकर पहाडी पर भेज देता हैं। पहाडी पर मणी लाने गया रविश मणी चराते समय अंशरूप सांप (Snake) के श्राप का शिकार होकर स्वयं शिकार हो जाता हैं। इसके बाद लकडी की तरह अकडा हुआ रविश बेहोश होकर प्रसिद्ध किसान (Farmer) देवराज के खेत में पडा रहता हैं।

दयालु स्वभाव का देवराज हर रोज की तरह पशुओं को खाना खिलाकर अपने खेत में काम करने आता हैं तब उसे अकडा हुआ सांप दिखाई देखा देता हैं जिसके मदद के लिए लकडी से भी हिलाने के बाद पानी छिडक देता हैं। प्रयास असफल होने से वह उस सांप (Snake) अपनी छातीपर रखकर गर्मी देता हैं बाद में होश में आया रविश सांप अपने बचाव में उस किसान देवराज को काटकर जंगल की ओर भाग जाता हैं वहीं दुसरी ओर देवराज सांप के विष से मारा जाता हैं।


Farmer and Snake long story in hindi

कहानी की शुरुआत श्यामनगर नामक गांव से होती हैं जहाँ की रहस्यमयी विचित्र घटनाओं की बातें कई अन्य गांवों में फैल जाती हैं। श्यामनगर गांव के एक क्षेत्र में वहीं के लोग जाने से घबराते हैं क्योंकी जो भी उस क्षेत्र में दिव्यमणी की लालच में गया व्यक्ती फिर कभी वापस आते नहीं देखा गया। एक बार दूसरे गांव का लडका दिव्य शक्तीयों की चाहत में श्यामनगर में जाने का निश्चय कर लेता हैं।

अगले दिन कई प्रकार के साधन और आवश्यक वस्तू लेकर रविश श्यामनगर की ओर गाडी लेकर चला जाता हैं। रहस्यमयी क्षेत्र के बारें में थोडी बहुत जानकारी गांव के लोगों से पुछता हैं। गांव के लोग उस रविश को हर बार न जाने की सलाह देते हैं। आखिर में जब रविश लोगों की बातों को अनदेखा करते हुए सर्पक्षेत्र में प्रवेश करता हैं।

सर्पक्षेत्र में प्रवेश करते हुए बाहर मौजुद एक साधारण से दिखने वाला व्यक्ती भुजंग आवाज देकर रविश को समझाता हैं, " हे लडके, उस जंगल में मानव का जाना मना हैं, जो भी गया वापस नहीं आया, बचना चाहते हो तो यहाँ से चले जाओ, अभी देर नहीं हुई "
रविश उसके पास आकर कहता हैं, " आप कौन हैं मैं नहीं जानता लेकीन मुझे जंगल के सर्पक्षेत्र से कोई दिव्य वस्तू प्राप्त करनी, मुझे वह वस्तू चाहिए "
भुजंग कहता हैं, " तुम उसी दिव्य मणी के पीछे पडे हो, शक्तीयाँ चाहिए तुम्हें, मेरी तरह पछताओगे "

भुजंग की ऐसी बातें सुनकर रविश बिना देरी किए जंगल के सर्पक्षेत्र में प्रवेश करता हैं। प्रवेश करते हीं रविश की लालच ऊर्जा के कारण क्षेत्र दूसरी दुनिया से जुड जाता हैं। इन बातों पर ध्यान न देते हुए एक बहुत बडा पंचमुखसर्प दिखाई देता हैं जिसके माथेपर रखे मणी से 108 मणी निकलकर पहाड जैसी संरचना में चले जाते हैं। लालच बढने से बिना सोचे समझे पहाड में प्रवेश करके रविश एक सर्पमणी चुराकर भागने का प्रयास करता हैं तभी मुख्य सर्प का एक अंशरूप सर्प उस रविश को घेर लेता हैं।

अपने बचाव में लाए गए साधनों का उपयोग करते हुए सर्प पर गोलीयाँ बरसाता हैं। उस सर्प को एक खरोंच तक नहीं आती और आखिर में एक छोटा झटका देकर रविश को कैद कर लेता हैं उसके बाद सर्प उस मणी को सुरक्षित स्थान पर रखते हुए रविश को श्राप देकर क्षेत्र के बाहर देवराज नाम के किसान (Farmer) के खेत के पास छोड देता हैं। सर्प अपने मुख्य राजा के पास जाकर सारी बताता हैं इसपर सर्पराज कहता, " जो भी इस सर्पक्षेत्र में छह विकारों से युक्त शक्तीयों की लालच में प्रवेश करेगा वह 100 जन्मों तक कई प्रकार के सर्पों का शरीर धारण करके भटकता रहेगा "

ऐसा कहते हीं किसान (Farmer) के खेत में मौजुद सर्प बन चुका रविश अपनी आँखें खोलता हैं और स्वयं को सांप (Snake) के रूप में पाकर दुखी हो जाता हैं। स्वयं का स्वरूप ज्ञात करते हीं सर्परविश का शरीर अकड जाता हैं सर्दी का मौसम होने से वह हिल भी नहीं पाता और एक प्रकार से जम जाता हैं। इसके बाद सर्परविश अपने निर्णय पर पछतावा करके रोने लगता हैं फिर भी कोई उसकी आवाज सुन नहीं पाता। सर्पमणी के कारण मिली हुई शक्तीयाँ भी रविश उपयोग नहीं कर पाता आगे क्या करेंं और क्या ना करें सोचने में समय व्यर्थ गँवाता हैं।

दुसरी ओर उसी श्यामनगर का एक दयालु किसान (Farmer) देवराज अपनी दयालुता के कारण लोगों की सहायता करता हैं। देवराज के दयालुता की कहानीयाँ दूर दूर तक प्रसिद्ध होने लगी हालाँकी उसे कई बार धोखा खाना पडा। भगवान की भक्ती करनेवाला देवराज खेत में जाने से पहले से गाय, भैंस, बिल्ली आदी को खाना खिलाता हैं। खेत में जाने के बाद काम करने वाला देवराज सर्पक्षेत्र से आनेवाली आवाजों पर ध्यान नहीं ठिक उसी तरह गांव वाले भी ध्यान नहीं देते।

अगले दिन हमेशा की तरह देवराज सर्दीयों के दिंन में सुबह हीं निकल पडा। खेत में जाने से पहले खाने की चीजें अपने साथ ले जाता हैं और रास्ते में मिलने वाले जानवरों को खाना खिलाते हुए खेत के पास पहूँचता हैं। जिसे अपने खेत के पास से होकर गुजरने वाले रास्तेपर एक सांप (Farmer) ठंड के कारण अकडा हुआ मिलता हैं। सांप को देखकर देवराज को लगा यह लकडी की तरह दिखाई देनेवाला सांप जिंदा नहीं बचेगा। सांप को देखकर देवराज को उसपर दया आई और कहने लगा, " अगर सांप को बचाया नहीं गया तो सांप मर जाएगा और शायद मुझे इसका दोषी बनाया जाएगा "

देवराज इस बात से अनजान रहता हैं की अकड चुका सांप एक मानव हैं। सांप बन चुका सर्परविश पूरी कोशिश करने के बाद भी सामान्य नहीं हो पाता और देवराज को देखकर ऐसा लगता हैं जैसे वह मारने आया लेकीन अकड जाने से कोई हरकत नहीं कर पाता। दूसरी ओर देवराज इस सांप को किसी भी प्रकार से बचाने का निर्णय लेता हैं और पास में पडी हुई लकडी को उठाकर सांप को हिलाने का प्रयास करता हैं।

लकडी से कई बार हिलाने के बाद भी सांप हिल नहीं पाता। किसान (Farmer) देवराज को ऐसा लगता हैं कई सांप (Snake) मर तो नहीं गया अथवा लकवा मार गया। कोई रास्ता ना पाकर किसान देवराज उस सांप को पास में स्थित कुँए के पास ले गया। किसान ने कुँए से पानी निकालकर सांप के उपर छिडक दिया और हरकत करने की प्रतिक्षा करता रहा। प्रयास असफल होने से निराशा हुए किसान (Farmer) के मन में एक सुझाव आता हैं।

किसान कहता हैं, " बेहोश हो चुके सांप (Snake) को होश में लाने के लिए हाथ में उठाकर अपनी छाती से लगाकर गर्मी देनी होगी तब शायद होश में आ जाए "
किसान देवराज के मन में डर होता हैं की कहीं शरीर की गर्मी देते समय सांप (Snake) काटना ले। दयावान होने से किसान (Farmer) आखिर में उस सांप (Snake) को उठाकर अपनी छाती से लगा लेता हैं। किसान के छाती की गर्मी से सांप में चेतना आणि शुरु हो जाती हैं। सांप को हरकत करते देख किसान (Farmer) खुश हो जाता हैं मगर सांप (Snake) को अजीब लगता हैं।

मानव से सांप बन चुका रविश किसी अनजान व्यक्ती के छाती पर देख घबरा जाता हैं और स्वयं के बचाव के चक्कर में बचाने वाले किसान को हीं काटकर तेजी से भाग जाता हैं। किसान को काटने से अन्य लोग मार ना दे इस कारण से रविश नाम का सांप (Snake) जान बचाने के लिए तेजी से रहस्यमयी जंगल के बाहर के बाहर मौजुद एक गुफा में जाकर छुप जाता हैं और भुजंग नाम का व्यक्ती सांप को देखकर हँसता रहता हैं।

सांप के काटने से किसान देवराज के शरीर में विष तेजी से फैलने लगा और बेहोशी की हालत में जमीन पर लेट गया, जिसे देख आसपास के कई किसान चारों को ओर घेरा बनाकर देखने लगे। किसान अपनी दयाभावना से मिले हुए घात को देखकर मन हीं मन रोने लगता हैं। इसके बाद किसान देवराज पास खडे लोगों से कहता हैं, " आप सब मेरे भाग्य से कुछ सीखो, कभी भी बदमाश व्यक्ती की सहायता ना करों जान से हाथ धोना पड जाता हैं। "

इतना कहने के बाद किसान देवराज की मृत्यु हो जाती हैं जिसके बाद गांव वाले किसान की लाश को उसके घर ले जाकर क्रिया कर्म करने के बाद उसी दिन श्मशान ले जाकर अंतिम संस्कार कर देते हैं दुसरी ओर देवराज की आत्मा उसी सांपों के क्षेत्र सर्पक्षेत्र में भटकती रहती हैं।

कहानी से शिक्षा - किसान और सांप की कहानी


1. स्वयं के फायदे के बारें में सोचने वाले लोगों से दूरे रहे और अधिक संंपर्क में ना रहे।
2. अच्छा व्यवहार करने के बाद कई लोग अपना स्वभाव बदल नहीं पाते।
3. अती दयालुता विनाश का कारण बनती हैं।



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