अविश्वास का परिणाम भाग 1 । horror story in hindi । Introduction
एक अतृप्त व्यक्ती चित्रा के आत्मा की कहानी हैं। चित्रा एक आजगाँव में रहने वाली लडकी हैं जो असाधारण बातों पर विश्वास नहीं करती। इसके गाँव में आँखों देखी घटनाए क्यों ना हो विज्ञान की बात छेडकर अस्तित्व नकार देती हैं।एक दिन यहीं चित्रा अपनी लगती के कारण चुडैल का शिकार होकर कई लोगों पर हमला कर देती हैं जब तंत्र से भी मुक्त नहीं हो पाती तो लोग मजबुरी में आकर मार देते हैं तबतक चुडैल जा चुकी होती हैं।
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अविश्वास का परिणाम भाग 1 ।Horror Story in Hindi |
जिस परिवार के व्यक्ती ने मारने में साथ दिया था उसी की पत्नी में अतृप्त आत्मा बनकर घर में तोडफोड जैसे कार्य करके पत्नी को नुकसान पहूँचाती हैं। फिर एक तांत्रिक चित्रा को नींबू मिर्च में कैद करके चौराहे पर रखने को कहता हैं।
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कहानी की शुरुआत रहस्यमयी व्यक्ती " सुदर्शन " से होती हैं जो कई सारे ब्रह्मांडों में घुमने के बाद अपने मुख्य ब्रह्मांड में आकर थोडा अच्छा समय बिताता हैं। सुदर्शन शरीर मन को आराम देने हेतु जल्दी सो जाता हैं और स्वयं का भान भी नहीं रह जाता की वह कहाँ पहूँच गया और बाहर कैसे निकले ?
तब सो रहे सुदर्शन को दूसरे ब्रह्मांड में होने वाली दिल दहला देने वाली खौफनाक घटना घटित होते दिखाई देती हैं मगर वह उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर पाता । सुदर्शन देखता हैं की, आजगाँव नामक क्षेत्र में महिने में कई बार असाधारण घटनाए हो रहीं हैं। कई लोग असाधारण घटना का शिकार हो रहे हैं।
इसी आजगाँव में अधिकतर महिलाए चुडैल का शिकार हो जाया करती हैं। यहाँ के लोग चुडैलों का शिकार होते होते बच जाते हैं। इन सभी घटनाओं को प्रणाम रूप देखने पर गाँव के कई लोग विज्ञान का नाम लेकर कई सिद्धांत रख देते हैं।
ऐसे हीं लोग इन बातों मानने वाले लोगों का मजाक उडाया करते हैं जो अन्य लोगों को पसंद नहीं आता। इन्हीं में से एक शिक्षिका हैं चित्रा जो दसवी के बच्चों को हायस्कूल में पढाकर अपने घर को संभालती हैं। चित्रा एक ऐसी लडकी हैं जो Paranormal Activity का शिकार हुए लोगों की बातों Simple Science का नाम देती हैं।
इसके अगले दिन गाँव में एक लडकी चुडैल के वश में आकर खुद को नुकसान पहूँचाती हैं। वह लडकी पास हीं पडे अभिमंत्रित धागे को देखकर कमरे की दिवार पर चढ जाती हैं। जैसे हीं धागे को हटाया जाता हैं लडकी निचे उतर जाती हैं तब साधारण वेश में स्थित तांत्रिक लडकी को पकडकर धागा बाँध देते हैं।
थोडी देर लडकी स्वयं को खटिया से बँधी पाकर गुस्सा हो जाती हैं तब तमाशा देखने आई चित्रा थोडी बहुत विज्ञान की बातें करके " सब नाटक हैं " कहकर लडकी को थप्पड मार देती हैं। इस कार्य के कारण शरीर में स्थित चुडैल चित्रा से बदला लेने की बात कहकर जोर जोर से हँसती रहती हैं।
अब क्या था, चुडैल की डरावनी आवाजे सुनकर चित्रा रातभर सो नहीं पाती और किसी का साया घर के बाहर घुमता हुआ देखती हैं मगर science student की शिक्षिका होने से बस आँखों का धोखा मानकर बात भुल जाती हैं हल्के में लेती हैं।
दूसरी ओर चुडैल का शिकार हुई लडकी अब अधिक तमाशा करके डरावनी आवाजे निकालती रहती हैं कभी दिवारों पर नाखुन से खरोंचती हैं। हद तो तब हो जाती हैं जब उसे एक तांत्रिक का चेला पकडने आता हैं। तब वह उसके हाथ को तोड देती हैं इस कारण लोग तंग आकर मजबुरी में लडकी को छोटे खंबे से बाँधकर पहले पत्थर मारते रहते हैं।
यहीं मौका देखकर चुडैल लडकी के शरीर से निकलकर जंगल की ओर चली जाती हैं। बेहोश हुई लडकी होश में आकर स्वयं के ठिक होने की बात करते हैं मगर गुस्सा हुए लोग एक बात भी नहीं सुनते और आग लगाकर जलाने लगते हैं। तब एक कोने मौजुद चित्रा पहले तो घबराती हैं मगर दूसरी ओर मजाक उडाकर हँसती हैं जिसे लडकी देख लेती हैं।
जैसे हीं लडकी का शरीर खाक हो जाता हैं थोडी देर बाद खुद भी चुडैल बनकर लोगों के सामने आ जाती हैं। लोग घबराकर भागना चाहते हैं पर चुडैल सबको घेरकर काला जादू करना शुरु कर देती हैं और एक व्यक्ती की सबके सामने बली चढा देती हैं। इससे पहले तांत्रिक आ जाए चुडैल चित्रा के शरीर में में घुस जाती हैं।
अब चित्रा भी अपनी गलती के कारण वश में आ जाती हैं। तांत्रिक बडी मेहनत के बाद चुडैल को एक छोटे पत्थर में कैद करके जंगल में कई फिट निचे गाड देता हैं ताकी अन्य भी शिकार होने बच जाए पर इस कार्य में चित्रा को अपनी जान गँवाने पड जाती हैं। चित्रा को ऐसा लगता हैं की, लोगों ने जानबुझकर मारा ताकी मैं असाधारण बातों पर विश्वास नहीं करती और अतृप्त आत्मा बनकर भटकती रहती हैं।
इस घटना के एक दिन बाद आजगाँव के लोगों को चित्रा बुरी आत्मा बनकर रास्ते में आने वाले लोगों को नुकसान पहूँचाती हैं। चित्रा को एक घर में चुडैल समझ कर मारने वाले व्यक्ती का पता लगाकर उसकी पत्नी के शरीर में प्रवेश कर घर में चली जाती हैं।
चित्रा बाद में सुशील की पत्नी द्वारा घर में उत्पात मचाती हैं कभी कभार सुशील और बच्चों को हानी पहूँचाती हैं। चित्रा अपनी शक्तीयों द्वारा घर के सामान को इधर उधर फेंककर दिवारों पर चढ जाती हैं। चित्रा अमावस्या के आनेतक घर के लोगों को परेशान कर देती हैं ताकी सबको उसी समय मारा जा सके। आखिर में एक सिद्ध तांत्रिक आकर रात के समय चित्रा को नींबू मिर्च में कैद कर देते हैं।
सुशील उस नींबू मिर्च, मिठाई, लाल कपडे को बिच चौराहे पर रखकर बिना पीछे देखे जाने लगता हैं। चित्रा स्वयं को मुक्त कराने के लिए जानकार व्यक्तीयों की आवाजों में सुशील को पुकारती हैं तब तांत्रिक की बात याद आने से आवाजों पर ध्यान नहीं देता और सुरक्षित रूप से घर वापस जाता हैं। इसके बाद तांत्रिक अपना सारा सामान समेट कर अपने स्थान पर चला जाता हैं।
दोस्तों, आज की कहानी " एक बैंक कर्मचारी के अविश्वास का परिणाम भाग 1 " समाप्त हो जाती हैं। अगर आपको पसंद आ जाए तो सबको अवश्य share करें साथ हीं comment करके बताए की कहानी कैसी लगी।
सीख - " आँखों देखी घटनाए कई बार सच होती हैं जिसे चाहकर भी अविश्वास का नाम नहीं दिया जा सकता "
Best horror stories in hindi coming soon
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